काल सर्प से भी ज्यादा खतरनाक है चांडाल दोष, कैसे पहचानें इसके लक्षण, निवारण के 5 सरल उपाय
तिष शास्त्र में सभी नौ ग्रहों का अपना विशेष महत्व बताया गया है. इन नवग्रहों में देव गुरु बृहस्पति का महत्वपूर्ण स्थान है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि किसी भी जातक को कार्यों में मिल रही सफलता या असफलता के पीछे बृहस्पति ग्रह का विशेष योगदान होता है. परंतु गुरु ग्रह से कई ऐसे योगों का निर्माण होता है जो मनुष्य के लिए अशुभ और परेशानियों से भरा होता है. नकारात्मक दोषों की श्रेणी में हमने अब तक बात की कालसर्प दोष के बारे में, परंतु आज के इस आर्टिकल में हम काल सर्प दोष से भी खतरनाक माने जाने वाले गुरु चांडाल दोष के बारे में जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से. ये कैसे बनता है, इसके लक्षण क्या है और इस से कैसे छुटकारा पाएं.