यूपीएससी: हिंदी के उम्मीदवार, 50 पार
2013 के बाद हिंदी साहित्य, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान व भूगोल वालों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
23 मई को जारी संघ लोक सेवा आयोग 2022 के सिविल सेवा परिणाम ने हिंदी बेल्ट की चिंता घटा दी है। इस बार हिंदी माध्यम के चयनित उम्मीदवारों का आंकड़ा 50 पार है। आईएएस अभ्यर्थियों के प्रसिद्ध शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति कहते हैं कि एक जमाने में हिंदी के रिजल्ट अच्छे आते थे, 2013 के बाद स्थितियां खराब होती गईं। 2 साल पहले करीब 800 में से हिंदी के कुल 19 बच्चे सलेक्ट हुए थे। मूल कारण यह है कि आवेदन करने वालों में अंग्रेजी माध्यम के बच्चे ही बड़ी संख्या में होते हैं, उसी अनुपात में उनका रिजल्ट आता है। उन्होंने कहा कि इस बार उनके 54 बच्चे यूपीएससी में सलेक्ट हुए हैं, सभी हिंदी माध्यम के हैं। अगली बार उनका लक्ष्य 100 सलेक्शन का है। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य, इतिहास, भूगोल व राजनीतिक शास्त्र इस समय हिंदी माध्यम में ठीक परफॉर्म कर रहे हैं।
18 घण्टे पढ़ाई सिर्फ मुहावरा है: विकास दिव्यकीर्ति कहते हैं कि यूपीएससी के लिए शुरू में 8 घण्टे रोज पढ़ाई बहुत है। वो भी तक जब 2 साल बाद परीक्षा देनी है। अगर 4 साल बाद देनी है तो 6 घण्टे रोज काफी है। हां, धीरे-धीरे 12 घण्टे तक आना चाहिए। उनका मानना है कि यूपीएससी में पढ़ाई की भूमिका 25 फीसदी, 15 फीसदी संयोग और 60 फीसदी भूमिका रणनीति और अभ्यास की है।
जो रह गए वो निराश न हों: जो बच्चे इस परीक्षा में रह गए हैं उनके लिए विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि जो 10-20 नम्बर से रह गए हैं वो सफलता के नजदीक हैं, लगे रहें। शेष अन्य परीक्षाएं दें। आजकल यूपीएससी इंटरव्यू में रह गए बच्चों की लिस्ट कई निजी व सरकारी नियोक्ताओं को भेजती है ताकि वो उनकी नियुक्ति कर सकें। यहां भी न हो तो इतनी तैयारी के बाद वो जिस भी क्षेत्र में जाएंगे वहां कमाल करेंगे।
बेटियों ने बढ़ाई हिस्सेदारी: 1135697 आवेदनों में से 573735 ने प्रिलिम्स दिया था। 13090 मेन्स तक पहुंचे और 2529 इंटरव्यू तक। सलेक्शन 933 का हुआ है, जिसमें बेटियों की हिस्सेदारी अब तक की सर्वाधिक 320 यानी 34 फीसदी है। शीर्ष 4 रैंक व शीर्ष 25 में 14 रैंक बेटियों के पास हैं। आईएएस पद के लिए 180 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट किये गए हैं, 178 की रिजर्व सूची भी बनी है।