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कानून मंत्री पद से हटाए गए रिजिजू

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  • न्यायपालिका पर लगातार टिप्पणी से थे चर्चाओं में

    केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया। उन्हें भू विज्ञान मंत्रालय भेज दिया गया है। अब बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। वर्तमान में मेघवाल के पास संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ कानून मंत्रालय भी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में 18 मई को अचानक इस फेरबदल से चर्चा का बाजार गरमा गया है। इससे पहले रिजिजू न्यायपालिका पर लगातार टिप्पणियों को लेकर चर्चा में थे।

    कानून मंत्रालय का इतिहास
    यह भारत सरकार का सबसे पुराना मंत्रालय है। साल 1833 में ब्रिटिश संसद के चार्टर अधिनियम-1833 के तहत बनाया गया था। शुरू में विधायी शक्तियां गवर्नर जनरल के पास थीं। साल 1919 में भारतीय विधानमंडल के पास चली गई। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के बाद से कानून बनाने और लागू करने का अधिकार भारत की संसद के पास है। मंत्रालय के अधीन 3 विभाग हैं। विधायी विभाग, विधि-कार्य विभाग व न्याय विभाग।

    कानून मंत्री के काम
    मंत्री मंत्रालय के प्रतिनिधि हैं। जो तीनों विभागों में सामंजस्य रखना, कानूनी सलाह कराना, कानूनी प्रस्तावों की जांच करना और संविधान के दायरे में उन्हें लागू कराना भी कानून मंत्री का काम है। न्यायिक सेवा व ढांचे में सुधार करना भी कानून मंत्री काम में शामिल है। कानून मंत्री अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल के साथ केंद्र सरकार का पक्ष भी रखता है।

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