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बढ़ी सिरदर्दी: 28 मई, नई संसद, महिला पंचायत?

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  • ओवरसाइट कमेटी की तरह सरकार भी पीड़ित महिला पहलवानों का विश्वास जीतने में नाकाम

    23 मई की शाम जंतर मंतर से इंडिया गेट तक पहलवानों के कैंडल मार्च में तिरंगा थामे हुजूम उमड़ पड़ा। जंतर मंतर से इंडिया गेट तक सब पैदल चल रहे थे। दिल्ली सहित हरियाणा व उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों के जत्थे इंडिया गेट आते-आते बड़े होते चले गए। खैर, कैंडल मार्च हो गया। सरकार को अब 28 मई की सिरदर्दी है। इस दिन सर्वखाप महापंचायत के तीसरे फैसले पर अमल होना है। एलान हुआ है कि महिलाएं नई संसद पर जुटेंगी और महिला पंचायत होगी। बता दें कि 3 मई की रात हिंसक हंगामे के बाद जुटीं खाप पंचायतों ने केंद्र सरकार को भाजपा सांसद बृजभूषण पर कार्यवाई के लिए 21 मई तक का वक्त दिया था। गिरफ्तारी न होने पर हरियाणा के रोहतक स्थित महम चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर 21 मई को सर्वखाप प्रतिनिधियों की महापंचायत में धरने को आंदोलन की शक्ल देने संबंधी फैसले लिए गए हैं। पंचायत में पहलवान साक्षी मलिक ने आंदोलन को अहिंसापूर्वक बड़ा करने में सबका साथ मांगा और कहा आप लोग जो भी फैसला लोगे, हम मानेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत के अनुसार, सर्वखाप की 2 मांग, 3 फैसले हैं। मांग हैं, बृजभूषण की गिरफ्तारी और उसका नार्को टेस्ट। वहीं, कैंडल मार्च में सहयोग सहित फैसले लिए गए कि नार्को टेस्ट बच्चे (पीड़ित पहलवान) भी कराएंगे और महिलाएं 28 मई को नई संसद पर पहुंचकर महिला पंचायत करेंगी।

    • इसी दिन नई संसद का उद्घाटन करेंगे पीएम
    प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को ही सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। 18 मई को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पीएम से मिलकर उन्हें उद्घाटन हेतु आमंत्रित किया है। यह भवन अत्याधुनिक है। सभी राज्यों के प्रातिनिधिक ऐतिहासिक इमारतों के दर्शन व टैक्सटाइल सम्बंधी 3 भव्य गैलरी हैं। विशाल संविधानिक हॉल व सांसदों के लिए लाउंज हैं। कार्यालयों, कॉन्फ्रेंस रूम, लाइब्रेरी, कमेटी रूम, भोजन कक्ष व पार्किंग आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। नई संसद में लोकसभा व राज्यसभा मार्शल के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है।

    • बृजभूषण नार्को टेस्ट को तैयार,
    विनेश पर कर बैठे टिप्पणी
    पहलवान विनेश पर भाजपा सांसद बृजभूषण की आपत्तिजनक टिप्पणी कैंडल मार्च में आक्रोश का विषय बनी रही। 23 मई को एक सभा में उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है विनेश फोगाट मेरे लिए मंथरा बनकर आयी हैं। 22 मई को उन्होंने कहा कि, हमसे पहले आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों का नार्को टेस्ट करा लिया जाए। जिससे षड्यंत्रकारियों का पता लगाया जा सके और साथ में हमारा भी नार्को टेस्ट करा लिया जाए। 22 मई को ही जवाब में पहलवान विनेश ने कहा कि, न सिर्फ मैं बल्कि जितनी भी लड़कियों ने शिकायत की हैं, वो सब नार्को टेस्ट के लिए रेडी हैं। ये नार्को टेस्ट लाइव चलना चाहिए। ताकि पूरे देश को पता चले कि उन्होंने देश की बेटियों के साथ कितनी दरिंदगी और ज्यादती की हैं। ये पूरे देश को दिखना चाहिए।

    • राकेश टिकैत से सवाल-जवाब
    सवाल: 28 मई को ही पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन करने वाले हैं, महिला पंचायत कैसे करेंगे आप?
    जवाब: तो इसका फैसला कर दो। पंचायत ने फैसला कर दिया, वहां जाना है तो जाना है। पुलिस रोकने का काम करेगी, हम अपना जाने का काम करेंगे।

    सवाल: फिर आप कोई टकराव का रास्ता अपना रहे हैं?
    जवाब: हम टकराव का थोड़े ले रहे। हम तो बता रहे हैं कि पुलिस को अपना काम करना है। हमने तो वहां पंचायत रख दी और जो पंचों ने फैसला कर दिया, उस पर मोहर लगा दी।

    सवाल : कैसे शामिल हो जाएंगे? आप जानते हो कि संसद में दाखिल होने के लिए पास चाहिए।
    जवाब: पास दे दो बनाकर हमारे भी, क्यों हम नई संसद को देख नहीं सकते? देश के प्रधानमंत्री जाएंगे, उस दिन खोलेंगे उसे। लोग उसमें जाएंगे तो हमारे वाले भी चले जायेंगे। बिना बुलाई भीड़ आ रही, उन्हें भीड़ तो चाहिए। हम सुन लेंगे बात।

    सवाल : टिकैत साहब फिर आप 26 जनवरी टाइप की बात कर रहे हो आप? जाने नहीं दिया जाएगा, ये गम्भीर मामला नहीं है क्या?
    जवाब : बात कर रहे, तो हमारी बात मान लो। जाने नहीं दिया जाएगा तो जो कुछ होगा जब देख लेंगे फिर।

    सवाल : तो कहाँ से कितनी महिलाएं पहुंचेंगी?
    जवाब: अभी तो सलाह करी है। अभी देखेंगे कहां-कहां से कितनी जाएंगी।

    • अब तक क्या-क्या हुआ
    18 जनवरी: इस मामले में पहला धरना 3 दिन चला। खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ से 72 घण्टे में मांगा जवाब।
    21 जनवरी: कुश्ती संघ ने आरोप नकारे, लेकिन जांच पूरी होने तक बृजभूषण को पद से हटा दिया गया।
    23 जनवरी: जांच के लिए मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी का गठन। बाद में पहलवान व भाजपा नेता बबिता फोगाट को भी समिति का हिस्सा बनाया गया। रिपोर्ट अप्रैल में मंत्रालय को सौंप दी लेकिन आज तक उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। समिति पहलवानों का भरोसा जीतने की बजाय, आरोपों से घिर गई।
    21 अप्रैल: असंतुष्ट पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण के विरुद्ध तहरीर दीं, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।
    23 अप्रैल: पहलवान फिर से जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए। मांग, बृजभूषण पर मुकदमा और गिरफ्तारी।
    24 अप्रैल: समर्थन में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया।
    25 अप्रैल: भूपेंद्र हुड्डा और पूर्व सांसद उदित राज पहलवानों से मिलने पहुंचे।
    26 अप्रैल: पहलवानों ने जंतर मंतर पर ही नेट बिछाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी और रात को कैंडल मार्च भी निकाला।
    27 अप्रैल: जयंत चौधरी भी मिलने पहुंचे।
    28 अप्रैल: शीर्ष न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश किये।
    28 अप्रैल: कनॉट प्लेस थाने में 6 बालिग पहलवानों की तहरीर पर बृजभूषण व विनोद तोमर के विरुद्ध 354, 354क व 354घ और नाबालिक की तहरीर पर पोक्सो 10 में प्राथमिकी दर्ज।
    29 अप्रैल: पहलवान बोले बृजभूषण के जेल जाने तक चलेगा धरना, रात में पुलिस ने काट ली बिजली पानी।
    29 अप्रैल: कांग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मिलने पहुंचे।
    30 अप्रैल: रॉबर्ट वाड्रा, केसी त्यागी और अभय चौटाला मिलने पहुंचे।
    01 मई: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत मिलने पहुंचे।
    02 मई: किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे।
    03 मई: रात में हिंसक हंगामा, दिल्ली पुलिस पर हिंसा का आरोप।
    04 मई: आप नेता सोमनाथ भारती को पुलिस ने हिरासत में लिया। दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल व भीम आर्मी चीफ रावण पहुंचे जंतर मंतर।
    05 मई: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार पहुंचे।
    06 मई: जंतर मंतर पर महापंचायत का आयोजन।
    07 मई: किसान संगठन पहुंचे जंतर मंतर।
    09 मई: पहलवानों ने काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन।
    10 मई: नाबालिक पीड़िता के सीआरपीसी 164 के बयान दर्ज, बाकियों के बयान हेतु कोर्ट में अर्जी।
    11 मई: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भारतीय कुश्ती संघ सहित 15 और फेडरेशन को नोटिस जारी कर कहा कि फेडरेशन यौन उत्पीड़न कानूनों का पालन नहीं कर रहे। इनमें इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी नहीं हैं। 4 हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
    12 मई: 6 बालिग पहलवानों के सीआरपीसी 164 के बयान हुए दर्ज।
    12 मई: दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण व विनोद तोमर से की पूछताछ।
    12 मई: भारतीय ओलंपिक संघ ने बड़े फैसले में कुश्ती संग के सभी निवर्तमान अधिकारियों को प्रशासनिक कार्यों से प्रतिबंधित किया और काम देखने व एक्जीक्यूटिव काउंसिल का चुनाव कराने हेतु एड हॉक कमेटी बनाई गई।
    13 मई: कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा जंतर मंतर पहुंचे।
    15 मई: पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक पहुंचे। पहलवानों ने पालिका बाजार तक पदयात्रा की। कहा 14 मई की रात उनके धरने को खराब करने की कोशिश हुई, कुछ बाहरी लोग धरने के पास सक्रिय हैं।
    20 मई: आईपीएम मैच देखने पहुंचे बजरंग, साक्षी व विनेश, लेकिन दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में इन्हें रोक दिया गया। पहलवानों ने कहा उनके पास 5 पास हैं, फिर भी रोक दिया।
    21 मई: स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव पहुंचे, सभी से जंतर मंतर पहुंचकर समर्थन देने का आव्हान किया।
    23 मई: हरियाणा के रोहतक स्थित महम चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर सर्वखाप महापंचायत में पहलवानों ने साथ मांगा और शाम को जंतर मंतर से इंडिया गेट पहुंचकर कैंडल मार्च निकाला जिसमें तिरंगा लिए हुजूम उमड़ पड़ा।

    • कानूनी तत्परता की कमी, बढ़ा अविश्वास
    राजनैतिक तौर पर बृजभूषण कितने ही मजबूत हों लेकिन मुकदमों की फिहरिस्त भाजपा सांसद के नैतिक पक्ष को कमजोर किये हुए है। महिला पहलवानों का धरना, शीर्ष न्यायालय के दखल पर प्राथमिकी दर्ज होना, यौन शोषण खासकर पोक्सो एक्ट में मुकदमे के बाद भी बिना गिरफ्तारी व जमानत के उनकी खुली बयानबाजी अपराध के प्रति सरकार की सख्ती पर सवाल पैदा करती है। वजह, ऐसे 99 फीसदी मामलों में तत्काल गिरफ्तारी या जमानत के किस्से आम हैं। लेकिन भाजपा सांसद के केस में कानूनी तत्परता की कमी है। 23 जनवरी को बनी ओवरसाइट कमेटी (निरीक्षण समिति) की तरह सरकार भी महिला पहलवानों का विश्वास जीतने में नाकाम है। शुरू से उन्हें एक ही बात खल रही है कि भाजपा सांसद पर आरोपों के बाद सरकार से तवज्जो और दिल्ली पुलिस से वह सम्मान नहीं मिल रहा, जो देश का मान बढ़ाने वालों को मिलना चाहिए। 29 अप्रैल की रात पुलिस द्वारा बिजली पानी काट लेने व 3 मई की रात हिंसक हंगामे के बाद खलिश बढ़ गयी है। अब आंदोलनजीवी पहलवानों की पहरेदारी कर रहे हैं। धरने के 23वें दिन 15 मई को पहलवानों ने जंतर मंतर से कनॉट प्लेस व पालिका बाजार तक पदयात्रा करते हुए कहा कि कुछ बाहरी लोग लगातार उनके धरने के पास सक्रिय हैं। 14 मई की रात धरने को खराब करने की भी कोशिश हुई, कुछ बाहरी महिलाओं ने खिलाड़ियों के साथ सोने की कोशिश की। सरकार व पुलिस पर अविश्वास की स्थिति है। इसीलिए धरना लंबा और ऐतिहासिक होता जा रहा है।

    • इन खेलों पर असर
    रैंकिंग टूर्नामेंट निकल चुके हैं। लेकिन इसी साल सितंबर में एशियन गेम हैं। अगले वर्ष ओलंपिक भी होने है। विनेश कहती हैं कि जनवरी में जब बजरंग, साक्षी और मैंने जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया तो हमें लगा कि न्याय मिलने में 2-3 दिन से ज्यादा नहीं लगेंगे। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें उन महिला पहलवानों के मान सम्मान के लिए फिर से प्रदर्शन करना पड़ेगा। जिन्होंने यौन उत्पीड़न पर बोलने का साहस दिखाया है.. एशियन गेम्स नजदीक हैं.. हालांकि हमें भारत का प्रतिनिधित्व करना है और पदक जीतना है। यह एक बड़ी लड़ाई है, अगर आप न्याय के लिए नहीं लड़ सकते तो आपके गले में पदकों का क्या मतलब है?

    न्याय के लिए हमारी लड़ाई एक महीने पुरानी है। फिर भी ऐसा लगता है कि हम एक साल से जंतर मंतर पर हैं। इसलिए नहीं कि हम गर्मी में फुटपाथ पर सो रहे हैं, मच्छर हमें काट खाये जा रहे हैं, शाम होते ही सिर्फ कुत्ते बजते हैं या साफ सुथरा शौचालय नहीं। न्याय के लिए हमारी लड़ाई इतनी धीमी है, क्योंकि न्याय का पहिया बहुत धीमे चलता है।। -विनेश फोगाट, पहलवान

    हमने 28 मई जानबूझकर रखा है। क्योंकि वैसे तो बात सुनी नहीं जा रही। जब वे रिबन काटेंगे, इधर हम महिलाएं इकट्ठी होंगी तो शायद उनके कानों तक कोई आवाज चली जाए। हम चीखेंगे, चिल्लायेंगे, अनुरोध भी करेंगे कि हमारी बच्चियों को न्याय दो। जिसने खुलेआम कहा कि उसने मर्डर किया है, टाडा समेत 40 से ज्यादा केस हैं। उसे बचाने की कोशिशें हो रही हैं।
    -डॉ सन्तोष दहिया, अध्यक्ष- सर्वखाप महिला महापंचायत

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