समय की मांग थी नई संसद: पीएम मोदी
नए संसद भवन का उद्घाटन देश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा: राष्ट्रपति, राज्यसभा उपसभापति ने पढ़ा राष्ट्रपति का संदेश
विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच नई संसद के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री ने सधा हुआ भाषण दिया। उन्होंने नई संसद की लोकसभा में बोलते हुए न सिर्फ नई संसद से नई उम्मीदों का जिक्र किया, संसद भवन के बारे में बताया, बल्कि सरकार के 9 साल के काम भी भाषण में गिनाये। विपक्ष के करीब ढाई सौ सांसदों ने राष्ट्रपति से लोकार्पण न कराये जाने पर समारोह का बहिष्कार किया। उधर, राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति की भी गैर मौजूद रहे। हालांकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना संदेश जारी कर कहा कि “नए संसद भवन का उद्घाटन देश के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा। नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के सभी लोगों के लिए गर्व और खुशी की बात है।” उनका सन्देश राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने पढ़ा। उधर, पीएम ने अपने भाषण में कहा “इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। इसमें कला भी है, कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं। आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। और संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों की जो विविधता हैं, इस नए भवन में उन सबको समाहित किया है। इसमें राजस्थान से लाये गए ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर लगाए गए हैं। ये जो लकड़ी का काम आप देख रहे हैं न, वो महाराष्ट्र से आई है। इसके लिए यूपी में भदोही के कारीगरों ने अपने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से इस भवन के कण-कण में हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन होते हैं। संसद के पुराने भवन में सभी साथियों के लिए अपने कार्यों को करना कितना मुश्किल हो रहा था, ये हम सभी जानते हैं। टेक्नोलॉजी से जुड़ी समस्याएं थीं, बैठने की जगह से जुड़ी चुनौती थी। इसीलिए बीते डेढ़ दो दशकों से ये चर्चा लगातार हो रही थी कि देश को एक नए संसद भवन की आवश्यकता है। हमें ये भी देखना होगा कि आने वाले समय सांसदों की संख्या बढ़ेगी, वो लोग कहाँ बैठते। इसीलिए ये समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। और मुझे खुशी है कि भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह लैस है।”
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद परिसर में दाखिल होते ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। फिर मंत्रोचारण, शहनाईयों व ढोल बाजों के साथ सेंगोल स्थापित किया। और फिर नई संसद का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद 12 सम्प्रदाय के 12 धर्मगुरुओं के साथ ‘सर्व-धर्म’ प्रार्थना की। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला उनके साथ रहे। भाजपाइयों सहित भाजपा समर्थक 25 राजनीतिक दल इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
श्रमजीवी गदगद
लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने सुंदरवन से सत्य रंजन दास, झारखंड से राम मुर्मू, सुपरवाइजर एजाज़ अहमद, उड़ीसा के चांदीपुर से पुरंजन दलाई, राजस्थान से किशनलाल, बड़ोदरा से देवलाल सुधार, बिहार से अनिल यादव, पूर्वोत्तर से सुब्रोता सूत्रधार, झारखंड से मुजफ्फर खान, दिल्ली से धर्मेंद्र, वाराणसी से आनंद विश्वकर्मा को नए भवन के निर्माण में उनके श्रम योगदान के लिए शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
विशेष डाक टिकट, 75 रुपये का सिक्का किया जारी
नई संसद के लोकसभा कक्ष में आयोजित उद्घाटन समारोह में पीएम ने इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया। गजट अधिसूचना के अनुसार, सिक्के का वजन 34.65-35.35 ग्राम होगा। सिक्के के एक तरफ केंद्र में अशोक स्तम्भ के शेर की छवि होगी, “भारत” और “इंडिया” लिखा होगा। इसी तरफ मूल्य “75” अंकित होगा। दूसरी तरफ “2023” अंकित होगा।