हम बहुत परेशान हैं, अभी नहीं जा रहे जंतर मंतर: पहलवान
करन चौधरी
दिल्ली से लौटते में करनाल हाईवे पर पीछा कर रही पुलिस से विनेश की कहासुनी, बोली पीछा करके एनकाउंटर करोगे क्या? उधर, बजरंग के 'हमें गोली मार दो' बयान पर पूर्व आईपीएस ने किया विवादित ट्वीट
नई संसद कूच के लिए धरना स्थल की बैरिकेटिंग पार करते ही 28 मई को 36वें दिन पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लेकर टैंट तंबू, गद्दे आदि हटाकर वो जगह खाली कर दी थी। रविवार शाम से ही पुलिस पूरे एरिये को घेरे खड़ी है और एक बैनर लगा है जिस पर धारा 144 और किसी के भी आने पर पाबंदी की चेतावनी है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि जंतर मंतर के लिए अब कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन यदि खिलाड़ी किसी अन्य जगह अपना धरना करना चाहें तो विचार सम्भव है। उधर, पहलवान व उनका परिवार 28 मई के बर्ताव से बेहद परेशान हैं। जंतर मंतर का फिलहाल उनकी कोई योजना नहीं है, आपसी बातचीत के बाद आगे का रुख तय करेंगे। पहलवान इस समय हैरान भी हैं और परेशान भी। पहलवान साक्षी मलिक ने सवालों के जवाब दिए, आप भी पढिये।
सवाल: साक्षी कल किस तरह का बर्ताव हुआ?
जवाब: कल बहुत बुरा बर्ताव हुआ हमारे साथ। जैसा कि हम पहले दिन से बोल रहे थे कि हम बिल्कुल शांतिपूर्वक मार्च करेंगे। लेकिन उन्होंने सारे में बैरिकेटिंग कर दी। हमारा जो जंतर मंतर है उससे 10 कदम आगे भी नहीं जाने दिया। बहुत बुरा व्यवहार हुआ और फिर डिटेन कर लिया हमें। मेरे पास मेरा फोन था, मैं घर बात कर रही थी। क्योंकि जिस बस में मुझे डिटेन किया था, मैं अकेली थी उस बस में। मैं उनको लगातार बोल भी रही थी कि मुझे अकेले मत लेकर जाओ। हमारा कोई भी रेसलिंग का हो, उस बस में मुझे शिफ्ट कर दो। 2 घण्टे की ड्राइव के बाद उतरकर मैंने कॉल करना शुरू किया कि मैं यहां हूँ। यहां आ जाओ, मुझे ले जाओ। मेरे साथ ये पहली बार हुआ था। पीछे से पुलिस वाली ने बहुत बुरी तरह फोन खींचा। मेरा फोन ले लिया। शाम 6 बजे छोड़ा मुझे।
सवाल: कहां ले गए थे आपको?
जवाब: बुराड़ी में कोई वैली गार्डन है।
सवाल: एक खबर ये आयी थी कि साक्षी मलिक ने पुलिस वालों को पीट दिया?
जवाब: नहीं, मैं बिल्कुल शांत थी। मैं बस एक ही रिक्वेस्ट कर रही थी बार-बार कि मुझे किसी के साथ बिठाओ। मैं अकेली हूँ, घबराहट हो रही है। आप 2 घण्टे से लगातार बस चला रहे हो। जब डिटेनिंग करना है तो साथ में कर लो, क्या प्रॉब्लम है। गार्डन में मुझे डाल दिया। मैं फोन करने लगी न, उन्होंने मेरा फोन इतनी बुरी तरीके से स्नैच किया। मेरे एक्शन का रिएक्शन हुआ, मैंने अपना फोन वापस खींचा तो पुलिस वाली थोड़ा नीचे गयी। न मेरी कोई हिंसा थी, न मैंने किसी को मारा। सिर्फ मैंने अपना फोन पुल बैक करने की कोशिश की। लेकिन उसके बाद उन 3-4 ने फिर वापस से मेरा फोन मिलकर खींच लिया। 6 बजे तक फिर कोई फोन नहीं था मेरे पास।
सवाल: जिस दौरान आप पुलिस के पास थीं तो उन्होंने आपसे बदतमीजी की या कुछ कहा?
जवाब: नहीं, कहा कुछ नहीं, न बदतमीजी की। लेकिन सिर्फ ये था कि फोन छीना और बात नहीं सुन रहे थे। मैं बोल रही थी कि मुझे अकेले मत छोड़ो। मैं एक लड़की हूँ और मैंने ऐसी सिचुएशन कभी नहीं देखी है। मैं बहुत घबराई हुई हूँ। लेकिन उन्होंने बात नहीं सुनी।
सवाल: अब जंतर मंतर पर धारा 144 लगा दी गयी है, ये कहा जा रहा है कि अब बिल्कुल घुसने नहीं दिया जाएगा?
जवाब: देखो अभी के लिए तो हम नहीं जा रहे जंतर मंतर। हम बहुत ज्यादा परेशान हैं। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मैंने तो आज तक कभी ऐसा देखा नहीं कि इतने बड़े मेडलिस्ट और मेडलिस्ट भी छोड़ो नॉर्मल बेटियां होतीं, फिर भी ये व्यवहार करना बिल्कुल नहीं बनता उनका। तो हम बहुत परेशान हैं। हमारी पूरी फैमिली बहुत परेशान हैं। अभी आगे का हमारा कोई प्लान नहीं है, जो भी होगा हम डिसकस करेंगे, आपको इन्फॉर्म कर देंगे।
सड़कों पर रौंद दिया, अब एनकाउंटर करोगे क्या: विनेश
29 मई की सुबह विनेश ने करनाल बाईपास से फेसबुक लाइव जारी किया। सामने दिल्ली पुलिस की 2 गाड़ियां और कुछ पुलिसकर्मी हैं। पुलिस कह रही है, शीर्ष न्यायालय के आदेश पर उनकी सुरक्षा में आये हैं। विनेश बोलीं पूरी रात हमने अकेले काटी, रात कहां थे? रात से बजरंग कहाँ है? उसका पीएसओ कहां है? हमने 1-1 पीएसओ साइन कर रखे हैं, इतने कैसे पीछा कर रहे हो? लिखित दिखाओ। कल आपने हमें सड़क पर रौंद दिया। कैसे भरोसा कर लें? बृजभूषण ने भेजा हो, क्या पता? हमारा एनकाउंटर करना है क्या? इससे पहले हिरासत से छूटने पर 28 मई की शाम उन्होंने कहा था कि प्रदीप कुमार एसीपी ने उनसे बिन पूछे चुपके से उनकी वीडियो बनाई हैं। पता लगने पर 7-8 वीडियो डिलीट करा दीं लेकिन पता नहीं किसे कहां भेजी गई हैं? बताया था कि तीनों महिला पहलवानों को करीब 6 घण्टे हिरासत में अलग अलग जगहों लर रखा गया था।
देर रात छूटे बजरंग,पूर्व आईपीएस ने किया विवादित ट्वीट
सभी पहलवान शाम साढ़े 7 बजे तक छोड़ दिये थे। बजरंग को देर रात करीब 11 बजे छोड़ा गया। छूटने के बाद रात उन्होंने कहा था कि घर जाने का तो कोई मतलब ही नहीं है, जब तक न्याय नहीं मिल जाता। अभी मिलकर सब बात करेंगे, फिर आगे का तय करेंगे। नई संसद के उद्घाटन में बृजभूषण की मौजूदगी को देश का दुर्भाग्य बताया। इससे पूर्व जंतर मंतर पर पुलिस के बर्ताव पर बजरंग ने कहा था कि हमें गोली मार दो। पूर्व आईपीएस एनसी अस्थाना ने बजरंग के इस बयान पर विवादित ट्वीट कर कहा कि "जरूरत हुई तो गोली भी मारेंगे, मगर तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीटकर फेंका है। दफा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वो जानने के लिए पढा लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे, पोस्टमार्टम टेबल पर।"