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थानों में बीता बचपन, आज यूपी पुलिस के मुखिया हैं विजय कुमार

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कार्यभार संभालने के बाद कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार मुख्यमंत्री योगी से मिले।

थानों से मुख्यालय तक और आधे से ज्यादा जिलों की रग-रग से वाकिफ हैं नए कार्यवाहक डीजीपी, पिता सब इंस्पेक्टर थे

31 मई 2023, इस दिन यूपी पुलिस को नया नेतृत्व मिला है। 1988 बैच के आईपीएस विजय कुमार अब नए कार्यवाहक डीजीपी हैं। खाकी से उनका नाता बचपन से है। पिता रामप्रसाद अहिरवार यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर थे। नए डीजीपी थानों से मुख्यालयों तक और आधे से ज्यादा जिलों की रग-रग से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था को पहले की तरह बनाये रखना हमारी प्राथमिकता है।
इलाहाबाद से आईपीएस तक का सफर
जालौन मूल के पिता सब इंस्पेक्टर रामप्रसाद अहिरवार तब इलाहाबाद में तैनात थे। मां लज्जावती साथ ही रहा करती थीं। बड़े बेटे विजय कुमार का जन्म वहीं हुआ। श्री कुमार 3 भाई हैं। दूसरे नम्बर के हेमंत कुमार यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और फिलहाल कानपुर में तैनात हैं। सबसे छोटे जसवंत कुमार एक निजी कालेज में प्रवक्ता हैं और झांसी में रहते हैं। 5वीं तक विजय कुमार की शिक्षा कर्वी में हुई। इसके बाद पिता का झांसी ट्रांसफर हो गया। 6वीं से 10 वीं तक विजय झांसी के नेशनल हाफिज सिद्दीकी स्कूल में पढ़े। तब तक वह स्कूल पैदल जाते थे। 11वीं में गवर्नमेंट इंटर कालेज में दाखिला लिया। स्कूल की दूरी बढ़ी तो पिता ने साइकिल दिला दी। 12 वीं तक साइकिल से स्कूल गए। वे अपनी क्लास के टॉपर थे। बात 1981 की है जब श्री कुमार को कानपुर आईआईटी में दाखिला मिला। सब खुश थे। उसी बीच पिता की 53 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गयी। पूरा परिवार टूट गया। लेकिन, मां ने परिवार को संभाला। श्री कुमार ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करके एमटेक किया। 1988 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। तब आईआरएस रैंक मिली। ज्वाइन करके नागपुर ट्रेनिंग करने चले गए। लेकिन सपना आईपीएस बनने का था। 1989 में फिर परीक्षा दी। इस बार आईपीएस रैंक मिल गयी। यूपी कैडर भी मिल गया। आईपीएस विजय कुमार पत्नी अनुपमा, दो बेटे मिहिर और यनिवर के साथ लखनऊ में ही रहते हैं।
पीलीभीत की कप्तानी से डीजीपी तक
ट्रेनिंग काल शाहजहांपुर, गोरखपुर, नैनीताल और बरेली में बीता। बतौर कप्तान पहली तैनाती पीलीभीत में हुई। फिर बांदा, महराजगंज और मुजफ्फरनगर भी रहे। सवा दो साल गोरखपुर एसएसपी भी रहे। फिर इलाहाबाद और लखनऊ में भी कप्तानी की। तभी डीआईजी बने। डीआईजी के तौर पर इलाहाबाद, आजमगढ़, आगरा और गोरखपुर रेंज की जिम्मेदारी भी संभाली। अगस्त 2022 में डीजी सीबीसीआईडी और डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद डीजी विजिलेंस का चार्ज भी दिया गया। अब इन्हें कार्यवाहक डीजीपी का जिम्मा मिला है। साथ में डीजी विजिलेंस का चार्ज भी देखेंगे। 31 जनवरी 2024 को इनका रिटायरमेंट है।
एक साल में 3 कार्यवाहक डीजीपी
इतने बड़े राज्य को बीते एक साल में पूर्णकालिक डीजीपी नहीं मिल मिल सके हैं। 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था। इसके बाद डीजी इंटेलीजेंस डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। 31 मार्च 2023 को डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक बनाया गया। आरके विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद अब आईपीएस विजय कुमार को भी कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्ति हुई है। अब ये भी जनवरी 2024 में रिटायर हो रहे हैं। यानी लोकसभा चुनाव से पहले फिर नए डीजीपी तलाशने होंगे।

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