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ट्रिपल ट्रेन हादसा: मृतक 288, 900 से अधिक यात्री घायल

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ट्रिपल ट्रेन हादसे के भीषण दृश्य। मौके पर पीएम मोदी।

ओडिशा के बालासोर में दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटना में लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं बचाव कार्यों की सफलता और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूँ।
द्रोपदी मुर्मु, राष्ट्रपति

मृतकों को तो वापस नहीं ला सकते, लेकिन सरकार घायलों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी: मोदी

ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहानगा में ट्रिपल ट्रेन हादसे में 24 घण्टों की कवायद के बाद 288 मृतकों की पुष्टि हो चुकी है। 900 से अधिक लोग घायल हैं। (पढ़ें: 275 मौतें) अब पटरी से उतरी ट्रेनों के मलबे और क्षतिग्रस्त डिब्बों को पटरी से हटाया जा रहा है। रेलवे ट्रैक बहाली में जुटा हुआ है। इससे पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने बाहानगा पहुंचकर हालात देखे। बालेश्वर अस्पताल में घायलों से बात कीं। समीक्षा बैठक कर प्रभावित लोगों के बचाव, राहत और चिकित्सा सम्बन्धी पहलुओं पर चर्चा की। लौटते वक्त उन्होंने कहा “यह एक दर्दनाक घटना है। सरकार घायलों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हर कोण से जांच के निर्देश जारी किए गए हैं, दोषी पाए जाने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। रेलवे ट्रैक बहाली की दिशा में काम कर रहा है।” रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतक पीड़ित को 10 लाख, गम्भीर घायल को 2 लाख और सामान्य घायलों को 50 हजार रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की है।
58 ट्रेनें रद्द, 81 का रूट बदला
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा के मुताबिक “अब तक कुल 58 ट्रेनें रद्द, 81 का रूट बदला गया और 10 का रूट समाप्त किया गया है। काम जोरों पर चल रहा है और जल्द ही ट्रैक की बहाली की जाएगी। पहले हम डाउनलाइन की बहाली करेंगे।”
हादसे से हैरान हैं देशवासी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इसे 21वीं सदी का सबसे भयानक हादसा बताया है। इस ट्रिपल ट्रेन हादसे से हर देशवासी हैरान हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन पर अचानक मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में जाने पर लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से बराबर से टकराई है। कोरोमंडल पूरी स्पीड से चल रही थी क्योंकि उसे स्टेशन पर रुकना नहीं था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए और 3 डिब्बे बगल के ट्रैक पर जा गिरे। उधर, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस उस ट्रैक से गुजर रही थी, उन डिब्बों से टकराकर इसके पिछले डिब्बे भी पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस में करीब 1257 आरक्षित यात्री और यशवंतपुर एक्सप्रेस में 1039 आरक्षित यात्री थे। उधर, ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त द्वारा भुवनेश्वर में 3 जून की दोपहर जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा “दुर्घटना 2 जून की शाम 7 बजे हुई। दोनों ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। एनडीआरएफ की 7 टीम, ओडीआरएएफ की 5 इकाई, 24 अग्निशमन सेवा और आपातकालीन इकाइयां बचाव अभियान में लगी हुई हैं। 100 से अधिक मेडिकल टीम पैरामेडिकल स्टाफ और दवाओं के साथ मौके पर सक्रिय हैं। 200 से अधिक एम्बुलेंस घायलों को गोपालपुर, खंटापारा, सोरो, बालेश्वर, भद्रक और कटक के अस्पतालों में ले जाने में जुटीं। राज्य के सरकारी व निजी अस्पतालों में घायलों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। यात्रियों को निकालने हेतु 30 बस लगाई गईं। पश्चिम बंगाल के फंसे यात्रियों के लिए मुफ्त परिवहन सेवा प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व रेल मंत्री के मौके पर दौरे के बाद ये रिपोर्ट जारी हुई।
600 यात्री पश्चिम बंगाल के थे, सरकार रही सक्रिय
रेल हादसे में करीब 600 यात्री पश्चिम बंगाल के थे। वहां की कई टीमें घटनास्थल पहुंचकर यात्रियों की मदद में जुटी रहीं। 3 जून की शाम साढ़े 4 बजे पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “मृतकों में अब तक 31 यात्री पश्चिम बंगाल से होने की सूचना है। उनकी पहचान कर ली गयी है। 544 लोग घायल हो गए। 25 यात्री ओडिशा के अस्पताल में और 11 पश्चिम बंगाल में भर्ती हैं।” राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक पीड़ित को 5 लाख, गम्भीर घायल को 1 लाख और मामूली घायलों को 50 हजार रुपये आर्थिक मदद की घोषणा भी की है।

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